Friday, March 20, 2009

आरम्भ है प्रचंड..

One of the best motivational songs...


आरम्भ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घडी , की तुम गुहार दो

आरम्भ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घडी की तुम गुहार दो

आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतर दो

आरम्भ है प्रचंड

मन करे सो प्राण दे जो मन करे सो प्राण ले
वही तो एक सर्व शक्तिमान है

विश्व कि पुकार है ये
भागवत का सार है
कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है

कौरवों की भीड़ हो या
पांडवों का नीड़ हो
जो लड़ सका है वो ही तो महान है

जीत की हवस नहीं किसी पे कोई वश नहीं
क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो

मौत अंत है नहीं तो मौत से भी क्यूँ दरें
ये जाके आसमान में दहाड़ दो

आरम्भ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग कि घडी की तुम गुहार दो

आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतर दो

आरम्भ है प्रचंड …

हो दया का भावः या कि शौर्य का चुनाव
या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो
या कि पुरे भाल पे जला रहे
विजय का लाल लाल ये गुलाल तुम ये सोच लो

रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो
या कि केसरी हो ताल तुम ये सोच लो

जिस कवि की कल्पना में ज़िन्दगी हो प्रेम गीत
उस कवि को आज तुम नकार दो

भीगती नसों में आज
फूलती रगों में आज
आग की लपट का तुम बखार दो

आरम्भ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घडी , की तुम गुहार दो

आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतर दो

आरम्भ है प्रचंड ....


- Gulaal 09

1 comment:

Vivek Khandelwal said...

a dark song with thought provoking lines.
just saw the movie.. n u were right ..its a must watch.